बेटी के कानों से दूर जिन दिनों लोग मेरी प्रेमिकाओं की भूमिका पर सवाल उठा रहे थे सवाल दर सवाल मेरी जिजीविषा कुंठित हो बन रही थी खोपड़ी पर नैतिकता का पहाड़ प्रेम की तो प्रेरणा मात्र है मनुष्य की देह ! कबीलाई सभ्यता में माँ और बेटे का जैविक संबंध विकास की प्रगतिशील परिभाषा …
