भारत विश्व का दूसरा बड़ा बाजार हैं, यदि इस राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने वाली भाषाओँ में हिन्दी का स्थान अग्रगण्य है तो यहाँ की सरकारों को इस दिशा में सार्थक प्रयास करना होंगे जिससे भारत के जनमानस के बीच हिन्दी में कार्य व्यवहार हो, रोज़गार, आमदनी के अवसर मिले, हिन्दी में लिखने वालों की आय सुनिश्चित हो सकें
