सुप्रसिद्ध लेखिका चित्रा मुद्गल का आवां उपन्यास समाज के इस तबके में स्त्री की स्थिति और उसके शोषण के विभिन्न स्तरों को उजागर करता है कामगार अघाड़ी के महासचिव देवीशंकर पांडेय की बेटी नमिता के जीवन संघर्ष के साथ ही समाज के विभिन्न वर्गों के स्त्रियों का जीवन संघर्ष इस उपन्यास की कथानक के रेशे-रेशे में मौजूद है |
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