समकालीन हिंदी कथाकारों में अलका सरावगी की ख़ास पहचान है। अपनी ख़ास सृजनधर्मिता के कारण उन्हें हिन्दी साहित्यिक जगत में विशिष्ट स्थान प्राप्त है। अलका सरावगी का प्रथम एवं चर्चित उपन्यास है ‘कलिकथा वाया बाइपास’।
नवउपनिवेशवाद
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ISSN: 2454-2725
समकालीन हिंदी कथाकारों में अलका सरावगी की ख़ास पहचान है। अपनी ख़ास सृजनधर्मिता के कारण उन्हें हिन्दी साहित्यिक जगत में विशिष्ट स्थान प्राप्त है। अलका सरावगी का प्रथम एवं चर्चित उपन्यास है ‘कलिकथा वाया बाइपास’।